Virat Kohli, भारतीय क्रिकेट का चमकता सितारा, अब टेस्ट क्रिकेट से भी विदा हो गए हैं। सोमवार की सुबह उन्होंने यह चौंकाने वाली घोषणा कर दी, जिससे ना केवल भारत बल्कि पूरे क्रिकेट जगत में हलचल मच गई।
विराट कोहली – संघर्ष से शिखर तक का सफर
2014 में जब विराट ने ऑस्ट्रेलिया के दौरे के बीच कप्तानी संभाली थी, तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि यह खिलाड़ी भारतीय टेस्ट क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। उन्होंने Team India को 2017, 2018 और 2019 में लगातार तीन साल तक ICC World Test Mace जितवाया – यह उनकी नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है।क्यों लिया विराट ने संन्यास?
पिछले कुछ सालों में विराट का प्रदर्शन पहले जैसा नहीं रहा। 2022 से अब तक खेले गए 37 टेस्ट में उन्होंने केवल 1990 रन बनाए, औसत सिर्फ 32 का रहा – जो उनके खुद के मापदंड से काफी नीचे है। उन्हें नई चुनौतियों की तलाश थी, लेकिन मौजूदा टीम वातावरण में वह ‘right vibes’ और ‘freedom’ महसूस नहीं कर पा रहे थे।
क्या रोहित शर्मा के संन्यास से जुड़ा है यह फैसला?
प्रथम दृष्टया ऐसा नहीं लगता। दोनों के रिश्ते में गहराई भले न हो, पर एक-दूसरे के लिए सम्मान ज़रूर है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर BCCI ने इंग्लैंड सीरीज तक इस ट्रांजिशन को टाल दिया होता, तो शायद विराट थोड़ा और समय टीम में बिता पाते।
किससे की चर्चा?
संन्यास से पहले विराट ने अपने करीबी – Ravi Shastri और मुख्य चयनकर्ता Ajit Agarkar से बात की थी। ऐसी अटकलें हैं कि उन्होंने यह फैसला काफी पहले ही ले लिया था।आगे क्या?
शुभमन गिल को अगला टेस्ट कप्तान बनाया जा सकता है। नंबर 4 पर कौन खेलेगा, यह भी एक बड़ा सवाल है। Rishabh Pant, KL Rahul, या कोई नया चेहरा? यह सब अब BCCI को तय करना है, और इसका एलान 23 मई तक संभव है।
कोहली का योगदान – सिर्फ आंकड़ों से नहीं, जुनून से
विराट कोहली सिर्फ एक बल्लेबाज या कप्तान नहीं थे। वह एक जुनून थे, एक ऊर्जा जो मैदान पर हर खिलाड़ी को प्रेरित करती थी। उनकी आक्रामकता, फिटनेस, और “never give up” attitude ने क्रिकेट की परिभाषा ही बदल दी।
Virat Kohli का टेस्ट से संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक भावनात्मक पल है। एक ऐसा युग, जिसमें भारत ने दुनिया भर में टेस्ट क्रिकेट में अपनी ताकत साबित की – अब इतिहास बन चुका है। What remains is his legacy – unshakable, unforgettable, unmatched.